Welcome to Maharana pratap college

(Affiliated to Atal Bihari Vajpayee University)

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर (छ.ग.)से सम्बध महाराणा प्रताप महाविद्यालय उच्च शिक्षा के प्रति समर्पित महाविद्यालय है। यहाँ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (The National Education Policy of India 2020 (NEP 2020), which was started by the Union Cabinet of India on 29 July 2020, outlines the vision of new education system of India. The new policy replaces the previous National Policy on Education, 1986. The policy is a comprehensive framework for elementary education to higher as well as vocational training in both rural and urban India. The policy aims to transform India's education system by 2030)  आधारित शैक्षणिक सत्र संचालित है। यह छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। इसका उद्देश्य है कि ऐसी शिक्षा पद्धति को विकसित करना जो ऊर्जा से परिपूर्ण हो तथा इस तरह का वातावरण विनिर्मित करना जहाँ एक- दूसरे में सहयोग की भावना बनी रहे जिससे स्वत:स्फूर्त कौशल का विकास छात्रों में होता रहे। छात्रों की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें रोजगारोन्मुख  बनाना, तथा व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ावा देना।  छात्रों के शारीरिक-मानसिक भावनात्मक, चारित्रिक,सामाजिक विकास के लिए सतत प्रयत्नशील एवं क्रियाशील रहना ।

Education is the passport to the future, for tomorrow belongs to those 

who prepare for it today.

''College is the reward for surviving high school." 

Education is the process of learning and acquiring knowledge at an educational institution. It is well said, “A gift of knowledge can bring us to the top of most wonderful mountain, the gift of knowledge can take us to the deepest of the ocean”. It is a great gift given by our parents and teachers. It is the key to success in life.

महाविद्यालय शिक्षा का केंद्र होता है। हर शैक्षणिक संस्थान को जिम्मेदारी बनती है, कि समाज की शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करें। महाराणा प्रताप महाविद्यालय छात्रों को शिक्षण, एवं सृजनात्मक गतिविधियों के माध्यम से समृद्ध बहुसांस्कृतिक दुनिया में नेतृत्व के लिए तैयार कर रहा है ताकि राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके। महाराणा प्रताप महाविद्यालय, छात्र-छात्राओं के भविष्य निर्माण एवं आगे बढ़ने के लिए एक उत्साहजनक व स्वस्थ वातावरण में उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि छात्र योग्य नागरिक बन भारत के भविष्य निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।

''तत्कर्म यन्न बंधाय सा विद्या या विमुक्तये।

आयासा यापरं कर्म विद्यान्या शिल्पनैपुणम्।।''

         [श्री विष्णु पुराण का यह श्लोक हमें यह सिखाता है ;-

कि कर्म वही है जो बंधन में न बांधे और विद्या वही है

 जो मुक्त करे अर्थात् जीवन का अंधकार या दुख दूर करे।]

  उद्देश्य:- 

1. शिक्षण द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी बहुल क्षेत्र की प्रतिभा को पहचान दिलाना साथ  ही महिला बाल कल्याण एवं समाज के बेसहारा वर्ग के कल्याण हेतु कार्य करना एवं छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराना।

  2.विज्ञान, तकनीकी शिक्षा एवं शोध कार्य को प्रोत्साहित करना।

  3.रोजगारोंन्मुख शिक्षा द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देना, जिससे आत्मनिर्भरता के साथ सृजनात्मक प्रवृत्तियों का विकास हो सके। 

 4.शैक्षणिक स्तर के उन्नयन हेतु शिक्षा पाठयक्रमों , चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रमों, प्राकृतिक   चिकित्सा, नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर एवं इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों, शारीरिक शिक्षा पाठ्यक्रमों के डिप्लोमा, डिग्री स्नातकोत्तर कोर्सों के संचालन हेतु विद्यालय,महाविद्यालय प्रारंभ करना ।

5.स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान एवं निशुल्क औषधि वितरण करना,  प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त लोगों की सहायता करना, गरीबों को निशुल्क वैधानिक सहायता प्रदान करना एवं सामाजिक हित के कार्य जैसे पौधारोपण, जल संचयन के संबंध में लोगों में जागरूक  लाना।

      6.शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग कर उन्हें जन सामान्य तक पहुँचाने का कार्य करना।

डॉ.रंजीत पवार  सिंह (सचिव )

शिवाजी राव  शिक्षण  संस्थान 

पीपरतराई,कोटा

बिलासपुर (छ.ग.)